पत्नी रिया की साहस और मोहब्बत की कहानी”
रिया और आदित्य की शादी को बस चार घंटे ही हुए थे। शादी की रस्में खत्म होते ही दोनों एक-दूसरे का बैकपैक तैयार करने लगे। रिया की आंखों में आंसू थे, जबकि आदित्य भी सामान ऐसे रख रहा था, जैसे कुछ बहुत गंभीर हो गया हो। दोनों के बीच एक अनकहा सन्नाटा था, जो कमरे में हर किसी को महसूस हो रहा था।
इतनी ही देर में आदित्य की बहन ने यह दृश्य देख लिया और घर वालों को भागते हुए बताया, “भाई और भाभी बैकपैक कर रहे हैं।” यह सुनते ही घर के सारे लोग घबराकर दौड़ते हुए उनके कमरे के बाहर आकर खड़े हो गए। आदित्य की मां ने दरवाजा खटखटाते हुए पूछा, “बेटा जी, क्या हुआ? हनीमून की पैकिंग कर ली क्या बिना बताए?”
दरअसल, रिया और आदित्य दोनों ही भारतीय वायुसेना में थे, और उन्हें एक सीक्रेट मिशन के लिए छुट्टी से तुरंत वापस बुला लिया गया था। अपने कर्तव्य के आगे अपनी नई-नवेली शादी की खुशियां भूलकर, वे दोनों एयर बेस पर रिपोर्ट करने के लिए तैयार हो गए।
आदित्य को अगले दिन दुश्मन के ठिकाने पर बम गिराने के लिए उड़ान भरनी थी। उस रात रिया ने आदित्य से कहा, “आदित्य, अब से तुम ही मेरी दुनिया हो। लेकिन मेरी मोहब्बत को अपनी कमजोरी मत बनाना, बल्कि इसे अपनी ताकत समझना। दुश्मनों को हराकर ही लौटना, मैं यहीं तुम्हारा इंतजार करूंगी।”
आदित्य ने गंभीरता से जवाब दिया, “और अगर मुझे कुछ हो गया तो?” रिया ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा, “तो भी मैं सफेद साड़ी पहनकर तुम्हारी शहादत पर गर्व करूंगी, और यहीं तुम्हारा इंतजार करूंगी।”
अगले दिन आदित्य ने अपने फाइटर प्लेन से उड़ान भरी, उसके साथ दो और फाइटर प्लेन भी आसमान में थे। थोड़ी ही देर में एक फाइटर प्लेन बम गिराने के बाद क्रैश हो गया, जिससे एयर बेस पर सन्नाटा पसर गया। दूसरे प्लेन से मौसम की खराबी की वजह से संपर्क टूट गया। तभी आदित्य के फाइटर प्लेन के बम गिराने की खबर आई, जिससे सबने राहत की सांस ली।
लेकिन अचानक आदित्य के प्लेन से भी संपर्क टूट गया। रिया की दिल की धड़कनें तेज हो गईं। ऐसे में दूसरे फाइटर प्लेन की लैंडिंग हुई, जिससे रिया का हौसला थोड़ा बढ़ा। लेकिन दो-तीन घंटे तक जब आदित्य के फाइटर प्लेन का कोई पता नहीं चला, तो रिया का दिल बैठने लगा। वह ऑन ड्यूटी थी, इसलिए अपने इमोशन्स को कंट्रोल करना पड़ा। वह बस इंतजार कर रही थी।
आदित्य के लापता होने की घोषणा होने ही वाली थी कि अचानक एयर बेस पर एक प्लेन नजर आया। यह आदित्य का ही प्लेन था। आदित्य बुरी तरह घायल हो चुका था, लेकिन खुशी की बात यह थी कि लैंडिंग सुरक्षित हो गई।
रिया ने दौड़कर आदित्य को गले लगा लिया। जब आदित्य को वीर चक्र से सम्मानित किया गया, तो उससे पूछा गया कि उसकी प्रेरणा कौन है। आदित्य ने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरी पत्नी रिया ही मेरी प्रेरणा है। उसने न सिर्फ खुद को मजबूत बनाया, बल्कि मुझे भी हिम्मत दी। उसी के भरोसे और प्यार की ताकत से मैं आज जिंदा लौट पाया हूं।”
इतनी शक्ति और साहस किसी भारतीय नारी में ही हो सकती है। वह जानती है कि मिट्टी के लिए जान कैसे दी जाती है और कुर्बान कैसे हुआ जाता है।
सच है, शादी सिर्फ दो इंसानों को जोड़ती नहीं, बल्कि एक-दूसरे की ढाल भी बना देती है। जीने की वजह देती है, और लड़ने की भी।
क्या आप मेरी इस बात से सहमत हैं?
धन्य हैं भारतीय नारी और उसका साहस।
जय हिंद, जय भारत।